tag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post162874880108262878..comments2023-07-03T07:15:34.550-07:00Comments on दिल्ली से योगेश गुलाटी !: नक्सलवाद को आतँकवाद के चश्मेँ से ना देँखे!योगेश गुलाटीhttp://www.blogger.com/profile/13535999793144019062noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post-28443325116967892042010-02-07T09:32:21.340-08:002010-02-07T09:32:21.340-08:00जो लोग कश्मीर में पाक का झंडा उठाये फिरते है उन्हे...जो लोग कश्मीर में पाक का झंडा उठाये फिरते है उन्हें प्रति व्यक्ति दस हज़ार वार्षिक केंद्रीय मदद दी जाती है और बिहार जैसे पिछड़े प्रदेश को यही ८०० रुपये । वैसे भी केंद्रे की योजनाओं का ९०% पैसा तो भ्रष्ट नेताओं - बिचोलिओं की जेब में ही चला जाता है, यह तो राजीव ने भी माना था। जब तक यह पैसा गरीब तक नहीं पहुचता तब तक यह समस्या बढ़ेगी ही.L.R.Gandhihttps://www.blogger.com/profile/00227090318128258228noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post-50133607870720572872010-02-07T09:26:11.670-08:002010-02-07T09:26:11.670-08:00आदिवासी समाज बहुत ही भोला और सीधा होता है! लेकिन प...आदिवासी समाज बहुत ही भोला और सीधा होता है! लेकिन पूँजीपतियोँ ने इनके इस भोलेपन का फायदा उठाया है! मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ के आदिवासी गाँवोँ की दुर्दशा देख कर कोई भी इस बात का सहज ही अँदाजा लगा सकता है कि आदिवासियोँ के साथ किस हद तक छ्ल हुआ है! आदिवासियोँ के कल्याण के लिये सरकार की तरफ से अरबोँ रुपयोँ की योजनायेँ सिर्फ कागज़ोँ पर ही कार्याँवित हुई हैँ! यानि गरीब आदिवासियोँ का हक भ्रष्ट व्यवस्था की Rajesh R. Singhhttps://www.blogger.com/profile/17464328889363232422noreply@blogger.com