tag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post4638562934881719986..comments2023-07-03T07:15:34.550-07:00Comments on दिल्ली से योगेश गुलाटी !: बीमार है हमारा लोकतँत्र!योगेश गुलाटीhttp://www.blogger.com/profile/13535999793144019062noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post-88173307658089954592010-02-06T15:38:56.304-08:002010-02-06T15:38:56.304-08:00शुक्रिया प्रमोद जी आपके सुँदर विचारोँ के लिये! आज ...शुक्रिया प्रमोद जी आपके सुँदर विचारोँ के लिये! आज सबसे बडा सवाल यही है कि क्या सच मेँ हमारे देश मेँ कहीँ लोकतँत्र है? अगर हाँ तो ये देश प्राइवेट लिमिटेड कँपनी की तरह क्यूँ चल रहा है?योगेश गुलाटीhttps://www.blogger.com/profile/13535999793144019062noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5897176027508685712.post-21678585320849256782010-02-06T13:43:21.208-08:002010-02-06T13:43:21.208-08:00भाई योगेशजी
आपने बात तो लाख टके की उठाई है। लेकिन...भाई योगेशजी <br />आपने बात तो लाख टके की उठाई है। लेकिन असल सवाल ये है कि जब दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र साठ साल का हो गया..तब लोगों को पता चल रहा है कि इसकी जद में लोकतांत्रिक मूल्य तो हैं ही नहीं....यानी देश साठ सालों तक एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रुप में चलता रहा है.. और अभी भी इस बात की उम्मीद करना बेमानी होगी कि देश की सत्ता बागडोर प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से निकलकर किसी लोकतांत्रिक हाथों Anonymousnoreply@blogger.com