Monday, 23 March 2009

लो आ गई नैनो !


सपना जब साकार होता है तो उद्गार खुद ब खुद निकलते है। रतन टाटा के साथ भी सोमवार को ऐसा ही हुआ, जब अमूमन गंभीरता की चादर ओढ़े रहने वाले देश के इस प्रमुख उद्योगपति ने गुड आफ्टरनून कहते हुए तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी की चुटकी ली।
नैनो की लांचिंग से पहले सोमवार को आयोजित प्रेस कांफ्रेंस की शुरुआत में ही जब एक पत्रकार ने टाटा से यह सवाल दागा कि वह ममता को क्या संदेश देना चाहेंगे, तो इस धीर-गंभीर उद्योगपति ने जो उत्तर दिया, उससे पूरे सभागार में हंसी गूंज उठी। चिढ़ाने वाले अंदाज में टाटा ने कहा कि मैं उन्हें सिर्फ गुड आफ्टरनून कहना चाहूंगा। पश्चिम बंगाल के सिंगुर में भूमि अधिग्रहण के विरोध में ममता द्वारा चलाए गए आंदोलन के चलते टाटा को अपनी परियोजना हटाकर गुजरात के साणंद में लगानी पड़ी है।
नैनो परियोजना को टाटा का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। सोमवार को इसके सफल होने की खुशी टाटा के चेहरे पर झलक रही थी। उन्होंने कहा कि नैनो परंपराओं को तोड़ने की भावना का परिचय देती है। ड्राइंग बोर्ड पर इसका डिजाइन बनने से लेकर इसके व्यावसायिक लांच तक इसने
काफी उतार-चढ़ाव एवं चुनौतियां देखी हैं। नैनो को बनाने वाली टीम को बधाई देते हुए टाटा ने कहा कि जो कार कभी असंभव मानी जाती थी, इस टीम की बदौलत अब वास्तविकता बन चुकी है।
टाटा ने खुलासा किया कि इस कार को यूरोप एवं अमेरिकी बाजारों में भी पेश किए जाने की योजना है, लेकिन फिलहाल इसको चीन ले जाने का कंपनी का कोई इरादा नहीं है। कुछ दिन पहले जेनेवा में आयोजित आटो शो में टाटा मोटर्स ने नैनो का यूरोप में उतारा जाने वाला वैरियंट नैनो यूरोपा पेश किया है।
नैनो का सफर
-मार्च 2003 : रतन टाटा ने जेनेवा मोटर शो में एक लाख रुपये की सस्ती कार पेश करने का ऐलान किया।
-मई 2006 : टाटा मोटर्स ने सिंगुर [पश्चिम बंगाल] में 1500 करोड़ रुपये के निवेश से नैनो प्लांट लगाने की घोषणा की।
-अक्टूबर 2006 : तृणमूल कांग्रेस ने सिंगुर में कारखाना लगाने के विरोध में राज्य स्तरीय बंद का आह्वान किया।
-दिसंबर 2006 : सिंगुर में हिंसा, तृणमूल कांग्रेस नेता ममता बनर्जी ने भूख हड़ताल शुरू की। यह 25 दिन चली।
-जनवरी 2007 : सिंगुर में कार परियोजना के लिए भूमि पूजन।
-फरवरी 2007 : सिंगुर में पुलिस व आंदोलकारियों में झड़प हुई।
-जनवरी 2008 : रतन टाटा ने दिल्ली आटो एक्सपो में नैनो को पेश किया।
-मार्च 2008 : लखटकिया कार जेनेवा मोटर शो में भी पेश की गई।
-अगस्त 2008 : पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य व ममता बनर्जी में बातचीत।
-सितंबर 2008 : राज्यपाल के हस्तक्षेप से सरकार व तृणमूल कांग्रेस में समझौता, जो ज्यादा देर नहीं चला।
-अक्टूबर 2008 : रतन टाटा ने नैनो परियोजना को सिंगुर से साणंद [गुजरात] ले जाने का ऐलान किया।
-फरवरी 2009 : टाटा मोटर्स ने 23 मार्च को पेश नैनो को पेश करने की घोषणा की।
-मार्च 2009 : नैनो का यूरोपीय वर्जन जेनेवा मोटर शो में पेश। तीन साल में यूरोप में उतारी जाएगी।

No comments: