Wednesday 29 July 2009

क्या देह के दम पर नारी पुरुषों को चुनौती दे रही है?

घुंघट के साथ नारी ने आज दुपट्टा भी उतर फेंका है! उसे दुपट्टा बेकार का झंझट लगाने लगा है! स्वतंत्रता की आड़ में नारी को नग्न कराने का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है! स्कूल, कालेज, चोराहे, बाजार, यहां तक कि मंदिर और पूजा स्थलों पर भी अब बड़ी संख्या में भड़काऊ और अर्ध नग्न कपडे पहने आधुनिक नारियों का देखा जाना आम हो गया है! ऐसे में सवाल ये है कि क्या आपका सर उस वक्त शर्म से झुक जाता है जब मन्दिर और पूजा स्थलों में अर्ध नग्न कपडे पहने या अंग प्रदर्शन करते लड़कियों को आप देखते हैं? क्या कोई नारी इस बात का जवाब दे सकती है कि आज हर जगह नारी अंग प्रदर्शन क्यों कर रही है? कहीं पुरुषों से प्रतिस्पर्धा में जितने के लिए नारी अपने शरीर को हथियार कि तरह तो इस्तेमाल नहीं कर रही है? और ऐसा है? तो क्या नारी सही कर रही है? क्या Deh के dam पर नारी पुरुषों को chunauti दे रही है?