Monday 31 May 2010

कौन समझेगा झारखंड का दर्द?: दिल्ली से योगेश गुलाटी

झारखंड जिसे वन प्रदेश के नाम से भी जाना जाता है, उसे प्रकृति ने भरपूर संपदा से नवाज़ा है! झार का अर्थ होता है पेड और खंड का अर्थ प्रदेश! नाम से ही स्पष्ट है कि वनों का ये प्रदेश निश्चय ही प्राकृतिक संधानों से परिपूर्ण होगा! और ऎसा ही है भी, यहां वन संपदा, कोयला और खनिजों के भंडार हैं! बावजूद इसके ये आदिवासी प्रदेश देश के सबसे गरीब प्रदेशों में आता है! 22 जिले और दो करोड सत्तर लाख की जनसंख्या वाले इस वन प्रदेश का ये दुर्भाग्य ही रहा है कि हमेंशा से ही यहां के भोले-भाले आदिवासियों को छला गया है!
आज से 72 साल पहले आदिवासी महासभा ने अलग झारखंड का जो सपना देखा था वो 15 नवंबर 2000 को आदिवासी नेता बिरसा मुंडा के जन्मदिन पर पूरा हुआ! इस दिन झारखंड देश का 28 वां राज्य बना! तब ये माना जा रहा था कि अब झारखंड की बदहाली के दिन लद जायेंगे, और ये वन प्रदेश तरक्की की राह में बाकी प्रदेशों को पीछे छोड देगा! क्योंकि जितने प्राकृतिक संसाधन झारखंड के पास हैं उतने सपन्न दूसरे प्रदेश नहीं हैं! लेकिन इसे झारखंड का दुर्भाग्य ही कहा जायेगा कि 72 साल पहले देखा गया आदिवासी महासभा का वो सपना पूरा तो हो गया लेकिन परवान नहीं चढ सका! क्योंकि झारखंड राजनीति के खेल में इस कदर उलझ गया कि यहां के मूल मुद्दे आदिवासी और विकास एक बार फिर दरकिनार कर दिये गये!
आदिवासियों के विकास के नाम पर बना ये प्रदेश लूट का केन्द बन गया! झारखंड में जो लूट मची उसे देख कर सारा देश स्तब्ध रह गया! लगातार मुख्यमंत्री बदले गये! खुद को आदिवासियों का नेता बताने वालों ने लूट का कोई मौका हाथ से जाने नहीं दिया! झारखंड के एक पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा इन दिनों भ्रष्टाचार और अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोपों के बाद से ही जेल में हैं ! तो पूर्व मंत्री एनोस एक्का, कमलेश सिंह, और हरिनारायण सिंह भी जेल में उनका साथ दे रहे हैं! कुछ और पूर्व मंत्री और उनके नज़दीकीयों पर भी कानून का शिकंजा जल्द ही कसता दिख रहा है! यानि एक पूर्व मुख्यमंत्री का पूरा मंत्रीमंडल ही प्रदेश को लूटने के आरोपों के चलते सलाखों के पीछे है! झामुमो के मुखिया शिबू सोरेन के समर्थन में बनी मधु कोडा सरकार ने प्रदेश में जो लूट मचाई उसने सारे देश को हैरान कर दिया! और बुध्दिजीवी सोच में पड गये कि लोकतंत्र में यदि चुनी हुई सरकार ही प्रदेश को लूटने लगे तो क्या किया जाये?
इधर मधु कोडा को समर्थन देने वाले शीबू सोरेन का दामन भी पाक साफ नहीं है! उन पर भी कई संगीन आरोप लगते रहे हैं! कितने आश्चर्य की बात है कि झारखंड में सोरेन बीजेपी के सहयोग से मुख्यमंत्री बनते हैं और नई दिल्ली में जाकर कांग्रेस की यूपीए सरकार के पक्ष में वोट करते हैं! इस पर भी जब बीजेपी ने समर्थन वापस लिया तो सोरेन अपनी कुर्सी बचाने के लिये पूरी तरह आश्वस्त दिख रहे थे! शायद उन्हें ये भरोसा था कि कांग्रेस के साथ उनकी डील हो जायेगी और अगर कांग्रेस ने अपना मुख्यमंत्री बनाने की शर्त रखी तो वो केन्द्र में कोई भारी भरकम मंत्रालय मांग कर सौदा पटा लेंगे! लेकिन लगता है अंतिम समय में सोरेन का ये भ्रम टूट गया! और महज़ 14 विधायकों के बल पर झारखंड पर राज करने वाले सोरेन को इस्तीफा देने पर मजबूर होना पडा!
झारखंड में चाहे राष्ट्रपति शासन लग रहा हो, चाहे वहां विधानसभा निलंबित हो जाये, तब भी राजनीति के गलियारों में जोतोड का खेल बंद नहीं होने वाला! एक तरफ अमीर धरती के गरीब लोग विकास की उम्मीद लगाये बैठे हैं, तो दूसरी तरह उनके नेता जोड-तोड की राजनीति में मगन होकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं! ये वो प्रदेश है जहां लोग बीस रुपये प्रतिदिन से भी कम आय पर अपना गुजारा करते हैं! जहां की साक्षरता, भुखमरी, बेरोज़गारी और मानव विकास संबंधी आकडे आपको हिला कर रख देँगे! लेकिन 72 साल पहले आदिवासी महासभा ने झारखंड प्रदेश का सपना इसलिये तो नहीं देखा था कि झारखंड लूट और राजनीति के अखाडे में तब्दील हो जाये, और यहां के आदिवासी भूख से दम तोडते रहें?

लिव इन, प्यार या व्याभिचार?: दिल्ली से योगेश गुलाटी

जेट एयरवेज़ की एक एयरहोस्टेस ने अपने साथी पायलेट के खिलाफ रेप का मामला दर्ज करवाया है! जिसके बाद महिला के साथी पायलेट को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया! 22 वर्षीय एयरहोस्टेस 27 साल के पायलेट के साथ लिव इन रिलेशशिप में 2009 से रह रही थी! एयरहोस्टेस ने आरोप लगाया है कि उसके साथी पायलेट ने उसे शादी का वादा किया था, लेकिन बाद में वो मुकर गया! इससे एक बात उभर कर सामने आयी है कि महानगरों में लिव इन का प्रचलन बढ रहा है! सवाल ये है कि हमारे आधुनिक कहे जाने वाले युवा लिव इन का खुल कर समर्थन करते हैं! वो कहते हैं अगर दो प्यार करने वाले साथ रहना चाहते हैं तो इसमें बुराई क्या है! हैरानी की बात ये है कि लडकियां भी ऎसे तर्कों के मामले में पीछे नहीं हैं! लेकिन सवाल ये है पहले शादी के बिना साथ रहने का फैसला करते हो, बाद में शादी की ही बात पर अलगाव करते हो? अगर शादी ही करनी थी तो शादी करके साथ क्यों नहीं रहे सम्मान के साथ? पहले लिव - इन में रहते हो बाद में शादी की बात करते हो? शादी का इरादा था तो लिव - इन में क्यों रहे?

लिव -इन और शादी दोनों ही दो अलग - अलग मुद्दे हैं! हमारे कानून ने युवाओं को पूरी आज़ादी दे रखी है! और दो लोगों के मर्ज़ी से साथ रहने पर कानूनन कोई बंदिश नहीं है! लेकिन शादी में जहां ज़िम्मेदारी जुड जाती है, वहीं लिव - इन में ज़िम्मेदारी जैसी कोई बात नहीं होती! और आप कानूनी तौर पर अपने पार्टनर को किसी बात के लिये बाध्य नहीं कर सकते! आमतौर पर लिव- इन में रहने के बाद लडकियां अपने पार्टनर पर शादी के लिये दबव डालने लगती हैं! और जब वो शादी से इन्कार कर देता है तो चुंकि उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं होता इसलिये वो प्रतिशोध में अपने उसी साथी पर जिसके साथ वो अपनी मर्ज़ी से रह रही थीं रेप का केस कर जेल भिजवा देती हैं!

लिव - इन प्यार है, इसके समर्थन में तर्क देने वाले महापुरुषों की लंबी फेहरिस्त है! लेकिन मुझे समझ नहीं आता अगर ये प्यार है तो व्याभिचार क्या है? हमारे युवाओं का एक वर्ग अति आधुनिक होने का दावा करता है! इसमें अधिकांश वे लोग हैं जो छोटे कस्बों में पले बढे हैं और अब नौकरी या शिक्षा के लिये महानगरों में रह रहे हैं! ऎसे में वो खुद को एक आज़ाद पंछी की तरह समझने लगते हैं! जो पिंजरे से अभी - अभी मुक्त हुआ हो! ये अपनी ज़िंदगी को खुल कर जीना चाहते हैं! और अपनी आज़ादी का भरपूर फायदा उठाना चाहते हैं! इसलिए इन्हें लिव इन से भी परहेज़ नहीं और खुल कर उसका समर्थन करते हैं! लेकिन कुछ समय बाद शादी के मुद्दे पर अलगाव सामने आ जाता है! और फिर वही सवाल उठता है कि अगर शादी ही करनी थी तो लिव - इन की क्या ज़रूरत थी? और अगर लिव - इन प्यार है तो व्याभिचार क्या है?

शर्मनाक...लाश के ऊपर से चलाते रहे कार: दिल्ली से योगेश गुलाटी

रिंग रोड पर हुए एक दर्दनाक हादसे में दिल्ली वालों की असंवेदनशीलता सामने आ गई। महिला की लाश सड़क पर पड़ी थी और कार वाले उसके ऊपर से गाड़ियां चलाते रहे। महिला का शव बुरी तरह क्षत - विक्षत हो गया। रोड एक्सिडेंट के अलावा पुलिस को आशंका है कि महिला की मौत की वजह चलती कार से उसे नीचे फेंकना भी हो सकती है।

यह घटना शनिवार रात 9:45 बजे राजौरी गार्डन इलाके में रिंग रोड फ्लाईओवर पर हुई। किसी राहगीर ने पुलिस को जानकारी दी कि कारें किसी लाश के ऊपर से गुजर रही हैं। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर ट्रैफिक रोक कर किसी तरह शव उठाने की कोशिश की। लगातार गाडि़यां चलते रहने के कारण शव के कई टुकड़े हो चुके थे। पायल और उसके कपड़ों की वजह से यह जानकारी मिल सकी कि शव किसी महिला का है। हालांकि जब लोगों को इस बारे में पता चला तो इसके बाद रिंग रोड पर दो घंटे तक जाम लगा रहा।