अहमदाबाद प्रकाश कंवर को अपने अनपढ़ होने का मलाल था, लेकिन साधारण परिस्थिति में गुजर-बसर करते हुए आज अपनी बेटी डॉ. रतनकंवर गढ़वी चारण (24) को आईएएस बना देखकर वे गौरवान्वित हैं।
रतनकंवर ने पहले अपनी मेहनत से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की और इस वर्ष यूपीएससी की परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल करने में कामयाब रही। यहां के मणिनगर में हरिपुर इलाके की धीरज सोसायटी में रहने वाली रतनकंवर के पिता हड़मत सिंह आलू और प्याज के व्यापारी हैं।
उन्होंने बताया कि उनकी बेटी बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही है। दसवीं और बारहवीं की परीक्षाओं में उसने 91 फीसदी से ज्यादा अंक प्राप्त किए।
मां की इच्छा पूरी की
रतनकंवर के दो भाइयों भवदेव और सिद्धार्थ ने बताया कि मां ने तीनों बच्चों को उच्च शिक्षा और तरक्की के लिए हमेशा प्रोत्साहित किया। इसके चलते भवदेव ने बीई-आईटी व एमबीए और सिद्धार्थ ने बीटेक किया तो रतनकंवर ने एमबीबीएस करने बाद आईएएस बनने की ठानी। भाइयों का कहना है कि आईएएस बनकर रतनकंवर ने मां की वर्षो पुरानी इच्छा पूरी कर दी है।
सफलता का श्रेय मां को रतनकंवर ने भी अपनी सफलता का श्रेय मां को देते हुए बताया, ‘डॉक्टर बनने के पहले और यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी के दौरान ऐसा लगता था जैसे मां को ही परीक्षा देनी है। वे मेरे साथ पूरी रात जागती रहती थीं।’
मैं कभी स्कूल नहीं गई। इसका मुझे दु:ख था, लेकिन बेटी की सफलता से मुझे बहुत संतोष मिला है। लगता है जैसे मैंने ही पढ़ाई पूरी कर ली है।’
- प्रकाश कंवर (आईएएस बनने वाली रतनकंवर की मां)
5 comments:
मातृदिवस पर इस माँ का उल्लेख कर आप ने माँ शब्द सही सही व्याख्यायित कर दिया है।
खबर जान कर बहुत प्रसन्नता हुई..हर माँ का हर सपना ऐसे ही पूरा हो!!
EK ACHHI KHABAR VKE LIY AABHAAR
bhai aapne bhavuk kar diya
ek bahut hi achhi post k liye
HARDIK BADHAI
यह खबर पढ़कर बहुत सुखद अनुभूति हुई
मेरी कलम - मेरी अभिव्यक्ति
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