Monday 18 May 2009

पहली प्रतिक्रिया....

आज दो महीने की चुनावी कवायद का पटाक्षेप चौंकाने वाले परिणामों के साथ हुआ है..परिणामों.. इस लिए कि एक ओऱ जनता ने गठबंधन सरकार के समर्थन में लगभग स्पष्ट फैसला दिया है वहीं निरंकुश, स्वेक्षाचारी और अतिमहात्वांकाक्षी उदंड नेताओं को पूरे मन से सबक सीखा दिया है..आज के परिणाम भले ही किसी राष्ट्रीय मु्द्दे का समर्थन नहीं है लेकिन राजनीति की राष्ट्रीय दिशा जरूर तय कर सकते हैं.ये जनादेश विकल्पहीनता के बीच में विकल्प का भी संकते देते हैं...पूरे चुनावी गहमागहमी के बीच अपने मु्द्दों को तलाशती जनता ने राजनेताओं को अपनी अहमियत का अहसास करा दिया है..जूते - चप्पल की चर्चाओं और बुढ्ढी और गुड़िया के विशेषणों के इर्द गिर्द घुमती रही चुनावी बहस ने दो महीने तक जनता को खूब बोर किया, मीडिया में प्लांटेड राय प्रसारित कर राजनीतिक दल और नेता जनता को गुमराह करने की कोशिश करते रहे लेकिन चुनाव परिणाम ने इन सभी की खुशफहमी को चंद घंटों में ही काफूर कर दिया.. इलेक्ट्रानिक मीडिया ने घंटों कपोलकल्पित सरकारें बनाई और कई ख्याली प्रधानमंत्री देश को लाखों के विज्ञापनों के बीच परोसा.आज के परिणाम ने साफ कर दिया कि देश की जनता बाजारू चकाचौंध के बीच सादगी पसंद है..वो उदंड, आक्रमक और हाईटेक नेताओं को ज्यादा सहन नहीं कर सकती..लालू प्रसाद यादव, राम विलास पासवान, लक्ष्मण सिंह ,वाइको,मायावती, जयललीता जैसे नेताओं का हाल ये बताने को काफी है कि अकड़ और अख्खड़ रवैया जनता झेलने को अभिशप्त नहीं है. आंकड़ों की बाजीगरी कर जनता का समय जाया करने वाली मीडिया का वो भ्रम भी इस जनादेश ने एक बार फिर तोड़ दिया है कि सवा अरब की आबादी के तेवर को कमरे में बैठकर भांपा जा सकता है.बहरहाल यहाँ युवा मतदातों की यु्वा सोच को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है और यूँ कहे युवा मानसिकता को जनता ने हाथों हाथ लिया है..जनता ने कथित बूढ़ी पार्टी के युवा नेतृत्व को तमाम आशंकाओं के बावजूद स्वीकार किया वहीं पच्चीस साल की युवा पार्टी को समय से पहले बूढ़ा बना दिया. नतीजों में कोई धुंधलाहट रह नहीं गई है और बिना किसी विशेष मेहनत के अब विद्वान अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह फिर देश के सरदार बनेंगे..वैसे लोकसभा चुनाव परिणाम के ताजा आँकड़ों ने ये भी सिद्ध कर दिया है विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़े ही नहीं जाते हैं बल्कि जनता का विश्वास भी जीता जा सकता है. बहरहाल सत्ता के गलियारों की सरगर्मी मद्धम होने लगी है ऐसे में उम्मीद की जा सकती है अब दिल्ली का चुनावी तापमान बड़ी तेजी से नीचे उतरेगा..आने वाले दिनों में अनिश्चितता की तपीश खत्म होगी..और विकास की बौछार से देश की जनता को राहत मिल सकेगी..
विकास शर्मा रायपुर 09329444278

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