नारी या पुरुष को अलग करके देखते रहने से आप ऐसी दुविधा में पड़े रहेंगे ..हर इन्सान जो अपने नैतिक मूल्य अपने फ़ाइदे के लिए अलग करके रखता है ..दूसरों का इस्तेमाल करता है अपने स्वार्थ के लिए ..इससे ज्यादा कोई बात नही....और मैं समझती हूँ इंसानों में नारी पुरुष दोनों आते हैं .
आप नारी ब्लॉग का इस्तेमाल कर रहे हैं वर्ना एक पंक्ति के आगे भी कुछ लिखते . ख़ैर अगर आप को ट्रैफिक नारी ब्लॉग के नाम से मिलता हैं तो भी हमे कोई कष्ट नहीं क्युकी नारी तो युगों से देती ही आयी हैं . किसी भी vastu की उपयोगिता उसके नाम से नहीं काम से बढ़ती हैं . दुसरो को सीढ़ी बना कर ब्लोगिंग की तो क्या की बंधू लिखो ऐसा की लोग तुमको पढे ना की नारी ब्लॉग की सीढ़ी चढे वैसे नारी ब्लॉग का लिंक भी देते तो कुछ वहाँ तक भी जाते पर देखो नारी ब्लॉग kae
आप लोगों को और कुच काम नही है क्या? ये क्या लगा रखा है जब चाहो तब नारी..पुरुष ..नारी पुरुष..लगा रखा है..जरा समाज मे हो तो समाज के नियम और मर्यादाओं मे रहना सीखिये। खबरदार आगे से ऐसा कुछ कहा सुना या टिपियाया तो।
अपनी एक पोस्ट पर हमने पूछा था कि यदि कोई महिला अपनी सहमति से पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध बनाती है और सेक्स करने के बाद इस बात से मुकर जाये और आदमी पर बलात्कार का आरोप लगा दे तो उस पुरुष के पास क्या सबूत है कि उसने उस महिला के साथ सेक्स नहीं किया? क्या आपके पास है जवाब? नहीं न... ठीक इसी तरह का है यह प्रश्न। महिलाओं का शोषण अभी शायद आपने देखा नहीं है। नारी ब्लाग की नाराजगी का डर क्यों?
9 comments:
इस्तेमाल की जगह अगर मैं ये कहूं कि सदुपयोग करती है तो आपको कोई दिक्कत तो नहीं।
We all are oportunists, it is a harsh reality.
यह तो परस्पर सम्बन्ध, स्वभाव और हालात पर निर्भर करता है।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
नारी या पुरुष को अलग करके देखते रहने से आप ऐसी दुविधा में पड़े रहेंगे ..हर इन्सान जो अपने नैतिक मूल्य अपने फ़ाइदे के लिए अलग करके रखता है ..दूसरों का इस्तेमाल करता है अपने स्वार्थ के लिए ..इससे ज्यादा कोई बात नही....और मैं समझती हूँ इंसानों में नारी पुरुष दोनों आते हैं .
आप नारी ब्लॉग का इस्तेमाल कर रहे हैं
वर्ना एक पंक्ति के आगे भी कुछ लिखते . ख़ैर
अगर आप को ट्रैफिक नारी ब्लॉग के
नाम से मिलता हैं तो भी हमे कोई कष्ट नहीं
क्युकी नारी तो युगों से देती ही आयी हैं .
किसी भी vastu की उपयोगिता
उसके नाम से नहीं काम से बढ़ती हैं . दुसरो को
सीढ़ी बना कर ब्लोगिंग की तो क्या की बंधू
लिखो ऐसा की लोग तुमको पढे ना की नारी ब्लॉग
की सीढ़ी चढे वैसे नारी ब्लॉग का लिंक भी देते
तो कुछ वहाँ तक भी जाते पर देखो नारी ब्लॉग kae
नारी भी नही नारी ही :)
आप लोगों को और कुच काम नही है क्या? ये क्या लगा रखा है जब चाहो तब नारी..पुरुष ..नारी पुरुष..लगा रखा है..जरा समाज मे हो तो समाज के नियम और मर्यादाओं मे रहना सीखिये। खबरदार आगे से ऐसा कुछ कहा सुना या टिपियाया तो।
अपनी एक पोस्ट पर हमने पूछा था कि यदि कोई महिला अपनी सहमति से पुरुष से शारीरिक सम्बन्ध बनाती है और सेक्स करने के बाद इस बात से मुकर जाये और आदमी पर बलात्कार का आरोप लगा दे तो उस पुरुष के पास क्या सबूत है कि उसने उस महिला के साथ सेक्स नहीं किया?
क्या आपके पास है जवाब? नहीं न... ठीक इसी तरह का है यह प्रश्न।
महिलाओं का शोषण अभी शायद आपने देखा नहीं है।
नारी ब्लाग की नाराजगी का डर क्यों?
आजकल बकोल टाईम्स ऑफ़ इंडिया के एक लेख के .दोनों एक दुसरे का इस्तेमाल करते है .ओर इसे "इमोशनल इंटेलिजेंस कहते है"
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