दिल्ली हवाई अड्डे पर भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तलाशी का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सरकार ने इस मामले में अमरीकी एयरलाइन कंपनी को नोटिस जारी किया है.
संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में कई दलों के नेताओं ने यह मामला उठाया और सरकार से कॉंटिनेंटल एयरलाइंस का लाइसेंस रद्द करने की माँग की.
सदस्यों ने कहा कि इस तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और इस कंपनी को भारत में विमान सेवा देने की इजाज़त नहीं मिलनी चाहिए.
प्रोटोकॉल के हिसाब से देश के पूर्व राष्ट्रपति होने के नाते एपीजे अब्दुल कलाम भारत के उन अहम शख़्शियतों में शामिल हैं जिन्हें इस तरह की तलाशी से अलग रखा गया है.
ये मामला 24 अप्रैल का है जब अब्दुल कलाम कॉंटिनेंटल एयरलाइंस के विमान से दिल्ली से अमरीकी शहर नेवार्क जा रहे थे.
सदस्यों का कहना था कि अब्दुल कलाम एक आम भारतीय नागरिक नहीं बल्कि देश के पूर्व राष्ट्रपति हैं और उनका अपमान एक तरह से भारत का अपमान है।
कुछ साल पहले अमरीकी हवाई अड्डे पर तत्कालनी रक्षा मंत्री जॉर्ज फ़र्नांडिस की तलाशी का मुद्दा उठा था. पिछले लोकसभा के अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने भी हवाई अड्डे पर तलाशी का विरोध करते हुए ऑस्ट्रेलिया का दौरा रद्द कर दिया था.
1 comment:
बिलकुल सही कहा आपने..
सचमुच में बहुत ही प्रभावशाली लेखन है... वाह…!!! वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। आशा है आपकी कलम इसी तरह चलती रहेगी बधाई स्वीकारें।
आप के द्वारा दी गई प्रतिक्रियाएं मेरा मार्गदर्शन एवं प्रोत्साहन करती हैं।
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