Saturday, 5 September 2009
ये कैसा गुस्सा?
पुरे दिन तमाशा चलता रहा...! सारा देश इस तमाशे को देख रहा था! लेकिन सच बोलने का साहस किसी में नहीं था ! खबरिया चेनलो के रिपोर्टर उन्हें प्रदर्शनकारी कह रहे थे.... जो लोगो की गाडिया जला रहे थे ....! हिंडन नदी के डूब क्षेत्र में शुक्रवार को सिंचाई विभाग और प्रशासन ने एक मकान तोड़ दिया था। उसके विरोध में ही लोग शुक्रवार से उत्तेजित थे। शुक्रवार को भी इसके विरोध में एनएच-24 पर कई घंटे ट्रैफिक जाम रहा था। शनिवार को फिर से आए दस्ते को देखकर लोग भड़क गए। हिंडन नदी के आसपास बौद्ध विहार, तिगरी व छिजारसी इलाके के लोग विरोध में शामिल हो गए। पथराव में एक दर्जन से अधिक लोगों के अलावा आधा दर्जन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। गौरतलब है कि करीब 2 दशक पहले नैशनल हाइवे-24 से सटी कई एकड़ भूमि पर बौद्ध विहार तथा तिगरी क्षेत्र में अवैध रूप से कालोनियां काटी गई थीं। हिंडन नदी से सटी भूमि पर भी सैकड़ों प्लॉट काटकर मकान बनाए गए थे। हिंडन नदी के अंदर मुख्य धारा के आसपास 6-7 साल पहले मकान बनने शुरू हुए थे। वहां कई दर्जन मकान और क्रेसर प्लांट लगे हुए हैं। गत दिनों ग्रेटर नोएडा में आए प्रमुख सचिव ने सिंचाई विभाग को निर्देश दिया था कि वह हिंडन नदी की मुख्य धारा से 400 मीटर के दायरे में आने वाली भूमि को डूब क्षेत्र मानते हुए उनकी मार्किंग की प्रक्रिया शुरू करें। इस पर अमल करते हुए सिंचाई विभाग की टीम शुक्रवार सुबह वहां मार्किंग करने चली गई। इस दौरान विभाग की टीम ने वहां एक मकान पर बुलडोजर चला दिया। इस पर शुक्रवार शाम को स्थानीय लोगों में गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने नैशनल हाइवे पर जाम लगा दिया। बाद में जब प्रशासनिक अधिकारियों में मामले में हस्तक्षेप करने का आश्वासन दिया, तो लोग शांत हो गए। लेकिन, शनिवार की सुबह करीब 8 बजे मार्किंग के लिए टीम फिर वहां पहुंची तो उन्हें देखकर लोग भड़क उठे। जानकारी के मुताबिक स्थानीय लोग बड़ी संख्या में एडीएम सिटी से मिलने कलेक्ट्रेट पर पहुंच गए एवं घटनाक्रम से अवगत कराया। इस पर सिटी मैजिस्ट्रेट घटनास्थल जाने के लिए निकले। उधर, टीम को खदेड़ने के लिए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। पथराव की सूचना पर वहां गई पुलिस पर भी पथराव किया गया। पथराव में सीओ सदर आरके गौतम, इंस्पेक्टर योगेश पाठक, सब इंस्पेक्टर सिमरजीत समेत कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद गुस्साए लोगों ने फिर नैशनल हाइवे-24 के करीब 2 किलोमीटर हिस्से पर जाम लगा कर वाहनों में तोड़फोड़ शुरू कर दी। यह देखकर वाहनों में बैठे लोग जान बचाकर इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान उपद्रवियों ने रोडवेज की विभिन्न रूटों की 4 बसों, 3 प्राइवेट बसों, एक सरकारी एंबेसडर, वैगन आर समेत एक दर्जन वाहनों को आग के हवाले कर दिया और दर्जन वाहनों को तोड़ डाला। इस दौरान छर्रे लगने से 2 स्थानीय लोग घायल हो गए। घटनास्थल पर डीएम आर. रमेश कुमार, एसएसपी अखिल कुमार समेत तमाम आला अधिकारी करीब पहुंचे। पुलिस ने क्रेन मंगवाकर क्षतिग्रस्त वाहनों को किनारे कराकर एक ओर से ट्रैफिक शुरू कराया। इस पुरे वाकये को सारा देश खबरिया चैनलों के ज़रिये दिन भर देखता रहा! धू-धू कर गाडिया जल रही थी ! हाइवे पर फसे लोग जान बचा कर भाग रहे थे...! सवाल ये है की ये लोग प्रदर्शनकारी थे या उपद्रवकारी?
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1 comment:
जो एक की दृष्टि मे आन्दोलन है वह अन्य की दृष्टि मे उपद्रव हो सकता है ।
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