कौन सा सपना मचल रहा है
ये कौन सा सपना मचल रहा है
ये खून किसका उबल रहा है
ये किसकी सांसों में आग सी है
ये कौन गिर के संभल रहा है
ये किसके सुर हैं सिके सिके से
ये किसकी धड़कन चटक रही है
ये किसके कदमों में फौज सी है
ये कौन करवट बदल रहा है
ये कौन दरिया को पी रहा है
ये कौन सच कह के जी रहा है
ये किसके घाव में है तरन्नुम
ये कौन लोहा पिघल रहा है
ये किसका साया है धूप जैसा
ये किसका लहू है ‘सूप’ जैसा
ये किसके होठों में हड्डियां हैं
ये कौन नीदों में चल रहा है
चलो टटोलूं मैं आज खुद को
कहीं ये गुस्ताख मैं तो नहीं
ये हलचलें हैं मुझी में शायद
यकीं मुझे खुद पे मिल रहा है.
ये कौन सा सपना मचल रहा है
ये खून किसका उबल रहा है
ये किसकी सांसों में आग सी है
ये कौन गिर के संभल रहा है
ये किसके सुर हैं सिके सिके से
ये किसकी धड़कन चटक रही है
ये किसके कदमों में फौज सी है
ये कौन करवट बदल रहा है
ये कौन दरिया को पी रहा है
ये कौन सच कह के जी रहा है
ये किसके घाव में है तरन्नुम
ये कौन लोहा पिघल रहा है
ये किसका साया है धूप जैसा
ये किसका लहू है ‘सूप’ जैसा
ये किसके होठों में हड्डियां हैं
ये कौन नीदों में चल रहा है
चलो टटोलूं मैं आज खुद को
कहीं ये गुस्ताख मैं तो नहीं
ये हलचलें हैं मुझी में शायद
यकीं मुझे खुद पे मिल रहा है.
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