Thursday 12 March 2009

मेरा शहर बदल गया है?

कल मुंबई फोन पर अपने एक पुराने मित्र से बात कर रहा था ! उसे होली की शुभकामना दी! उसे नहीं पता था कि महिदपुर में इस साल की होली कर्फ्यू के साये में मनाई जा रही थी ! जब मैंने उसे बताया कि महिदपुर में कर्फ्यू है तो उसकी आवाज़ में दर्द झलक उठा! बिल्कुल वैसे ही जैसे मेरी आवाज़ में झलका था जब मुझे अपने न्यूज़ रूम में ये ख़बर मिली कि मेरे शहर में कर्फ्यू लग गया है ! गंगा जमुना संस्कृति वाला मेरा शहर अचानक कर्फ्यू के साए में जीने को मजबूर कैसे हो गया? मै सोच में डूब गया क्या मेरा शहर बदल गया है? लेकिन पिछले महीने तो मै अपने घर गया था तब तो वहा ऐसा कुछ नही था....! सब कुछ वैसा ही तो था....! वही क्षिप्रा का किनारा... वही गन्गावादी का मेला....वही गलिया.....वही लोग ! वही महिदपुर फ़िर क्या बदल गया कि कर्फ्यू के साए मे होली मनाई जा रही थी !

2 comments:

Udan Tashtari said...

सब कुछ वही रहता है बस हालात मजबूर कर देते हैं. इन्सान बदल गया है.

संगीता पुरी said...

सच में यह सब देखकर दुख तो होता ही है ...