Saturday, 13 February 2010
वेलेँटाईन ने हिँदुस्तानियोँ को प्रेम करना सिखा दिया!
आज के दिन सँत वेलेँटाईन को मेरा प्रणाम! भगवन आपने हिँदुस्तानियोँ को प्रेम करना सिखा दिया! ये आप ही की कृपा का परिणाम है कि आज हमारे बाग बगीचे गुलज़ार रहेँगे! हालाकि गुलज़ार तो वो पहले भी थे लेकिन आज तो समा कुछ और ही होगा! आज प्यार करने वाले अपने प्यार का खुल्लम-खुल्ला प्रदर्शन करेँगे! और प्यार के कथित दुश्मन उनकी खुल्लम खुल्ला पिटाई! हे वेलेँटाईन देवता हम हिँदुस्तानी इस बात के लिये आपके सदा आभारी रहेँगे कि आपने हमेँ खुले मेँ प्यार करना सिखाया! चार दिवारियोँ के भीतर प्यार मेँ वो मज़ा नही जो खुले मेँ है! हालाकि प्रेम का त्यौहार तो हमारी सँस्कृति मेँ भी है! होली और बसँतोत्सव प्रेम के ही तो प्रतीक हैँ! लेकिन अपनी सँस्कृति हमेँ अब अच्छी नहीँ लगती! हमेँ तो आपकी पाश्चात्य सभ्यता से प्रेम हो चला है! इसीलिये तो अब हम हिँदुस्तानी युवा पूरी तरह पाश्चात्य सभ्यता मेँ डूब गये हैँ! हम अब ऐसा कोई कारण नहीँ छोडना चाहते जिससे हम पिछडे कहलायेँ! क्योँकि हमेँ अपनी कोई चीज़ नहीँ भाती! आपकी उन्मुक्त सँस्कृति के हम दीवाने हैँ! इसी लिये आपकी भाषा आपकी सँस्कृति और आपके तरीकोँ को हम तेज़ी के साथ अपना रहे हैँ! पहले जन्मदिन पर हम दीप जलाते थे अब मोमबत्तीयाँ बुझाते हैँ! गरीबोँ को भोजन कराते थे, अब केक काट कर उसे मुँह पर लगाते हैँ! माँ अब मोम हो गई है....और पिता डैड! पहले माता-पिता के पैर छू कर उनका आशीर्वाद लेते थे अब गले मिलते हैँ! इतने पर भी खुद को नई पहचान दी है! कर्ज़ लेकर घी पीने वाली कहावत को हम शब्दश: चरितार्थ कर रहे हैँ! कर्ज़ लेकर ही हम पढाई करते हैँ! और फिर हमारे देश को कर्ज़े मेँ डुबोने वाली विदेशी कँपनीयोँ मेँ काम करते हैँ! होम लोन, कार लोन, सब कुछ लोन पर! पहले हमारे पुरखे साहूकारोँ के कर्ज़ मेँ डूबे होते थे! और आज जब हमारा देश भी कर्ज़े से चल रहा है! तो ऐसे मेँ लोन लेने की ये परँपरा हम कैसे तोड सकते हैँ! हमारी दकियानूसी सँस्कृति से मुक्ति दिलाने मेँ आपने जो योगदान दिया है उसके लिये हम हमेँशा आपके आभारी रहेँगे! हम तो बस उस दिन की आस मेँ जी रहे हैँ अब हमारे देश की सडकोँ पर भी इटली और जर्मनी जैसे नज़ारे दिखाई देँगे! जब हम हर दिन को वेलेँटाईन डे की तरह मना सकेँगे! और बाज़ार हमारा बखूबी इस्तेमाल कर सकेगा! महँगे विदेशी कार्ड्स और विदेशी गिफ्ट खरीद कर आज हम आपको अपने श्रध्दा सुमन अर्पित करेँगे! पबोँ मेँ जाकर जम कर महँगी विदेशी शराब पीयेँगे! पाश्चात्य सँगीत पर जम कर ठुमके लगायेँगे! जमकर जश्न मनायेँगे क्योँकि हम आज़ाद हैँ! जश्न इसलिये भी क्योँकि आज हमारे प्रेरणास्त्रोत महान सँत वेलेँटाइन को याद करने का दिन है!
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2 comments:
अच्छा ब्लॉग है
thanx.
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